IAS की प्रारंभिक परीक्षा के तहत 2 पेपर शामिल हैं, सामान्य अध्ययन पेपर-1 और सामान्य अध्ययन पेपर-2 I UPSC के नए पैटर्न के अनुसार उम्मीदवार को IAS मुख्य परीक्षा के रूप में 9 भिन्न प्रश्नपत्र देने होंगे। इन 9 प्रश्नपत्रों में से 7 के अंक गिने जाएंगे।
बाकी दो क्वालीफाइंग पेपर हैं –
नोटः- दोनों क्वालिफाइंग प्रश्नपत्रों के अंक योग्यता निर्धारण के लिये नहीं जोड़े जाते हैं।
उम्मीदवार को एक विनिर्दिष्ट विषय पर निबंध लिखना होगा| विषयों के विकल्प दिये जायेंगे| उनसे आशा की जाती है कि अपने विचारों को निबंध के विषय के निकट रखते हुए क्रमबद्ध करें तथा संक्षेप में लिखें| प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्तियों के लिये श्रेय दिया जायेगा|
नोट: निबंध का प्रश्नपत्र मुख्यत: दो भागों में विभाजित रहता है। प्रत्येक भाग में दिये गए 4 विकल्पों में से एक-एक विकल्प का चयन करते हुए कुल दो निबंध (प्रत्येक 125 अंक) लिखने होते हैं। प्रत्येक निबंध के लिये निर्धारित शब्द सीमा लगभग 1000-1200 होती है।
भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि
प्रश्नपत्र-6 - वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-1
प्रश्नपत्र-7 - वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-2
बाकी दो क्वालीफाइंग पेपर हैं –
- अंग्रेजी
- एक भारतीय भाषा
- सामान्य अध्ययन पेपर 1
- सामान्य अध्ययन पेपर 2
- सामान्य अध्ययन पेपर 3
- सामान्य अध्ययन पेपर 4
- वैकल्पित विषय A
- वैकल्पित विषय B
जो प्रश्न पत्र मेरिट लिस्ट मे शामिल नही होंगे
प्रश्न पत्र A - अंग्रेजी- Comprehension of given passages
- Precis writing
- Usage and Vocabulary
- Short Essays
- Comprehension of given passages
- Precis writing
- Usage and Vocabulary
- Short Essays
मुख्य परीक्षा की वर्तमान प्रणाली इस प्रकार है-
प्रश्नपत्र-1 | निबंध | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-2 | सामान्य अध्ययन-1: (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-3 | सामान्य अध्ययन-2: (शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-4 | सामान्य अध्ययन-3: (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा- प्रबंधन) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-5 | सामान्य अध्ययन-4: (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-6 | वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-1 | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-7 | वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-2 | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-‘क’ | क्वालिफाइंग-1 अंग्रेज़ी भाषा § इस पेपर का कुल 300 है जिसमें क्वालीफाइंग अंक 75 (25%) निर्धारित किया गया है| | 300 अंक |
प्रश्नपत्र-‘ख’ | क्वालिफाइंग-2 हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा § भारतीय भाषाओं में से एक भाषा, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है, उसे पेपर–‘क’ के लिये उम्मीदवार द्वारा चयनित किया जाता है। § यह प्रश्नपत्र अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड और सिक्किम के रहने वाले उम्मीदवारों के लिये अनिवार्य नहीं होगा। § इस पेपर का कुल अंक 300 है जिसमें क्वालीफाइंग अंक 75 (25%) निर्धारित किया गया है| | 300 अंक |
उप-योग (लिखित परीक्षा) | 1750 अंक | |
व्यक्तित्व परीक्षण | 275 अंक | |
कुल योग | 2025 अंक |
नोटः- दोनों क्वालिफाइंग प्रश्नपत्रों के अंक योग्यता निर्धारण के लिये नहीं जोड़े जाते हैं।
प्रश्नपत्र -1
निबंधउम्मीदवार को एक विनिर्दिष्ट विषय पर निबंध लिखना होगा| विषयों के विकल्प दिये जायेंगे| उनसे आशा की जाती है कि अपने विचारों को निबंध के विषय के निकट रखते हुए क्रमबद्ध करें तथा संक्षेप में लिखें| प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्तियों के लिये श्रेय दिया जायेगा|
नोट: निबंध का प्रश्नपत्र मुख्यत: दो भागों में विभाजित रहता है। प्रत्येक भाग में दिये गए 4 विकल्पों में से एक-एक विकल्प का चयन करते हुए कुल दो निबंध (प्रत्येक 125 अंक) लिखने होते हैं। प्रत्येक निबंध के लिये निर्धारित शब्द सीमा लगभग 1000-1200 होती है।
प्रश्नपत्र -2
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
क्र.सं. | विषय |
खंड 1. | भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे। |
खंड 2. | 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय। |
खंड 3. | स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान। |
खंड 4. | स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन। |
खंड 5 | विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव। |
खंड 6 | भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता। |
खंड 7 | महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय। |
खंड 8 | भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव। |
खंड 9 | सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता। |
खंड 10 | विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ। |
खंड 11 | विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक। |
खंड 12 | भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव। |
प्रश्नपत्र- 3
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध
क्र.सं. | विषय |
खंड 1 | भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना। |
खंड 2 | संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ। |
खंड 3 | विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान। |
खंड 4 | भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना। |
खंड 5 | संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय। |
खंड 6 | कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। |
खंड 7 | जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ। |
खंड 8 | विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व। |
खंड 9 | सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय। |
खंड 10 | सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय। |
खंड 11 | विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका। |
खंड 12 | केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय। |
खंड 13 | स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय। |
खंड 14 | गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय। |
खंड 15 | शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय। |
खंड 16 | लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका। |
खंड 17 | भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध। |
खंड 18 | द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार। |
खंड 19 | भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय। |
खंड 20 | महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश। |
प्रश्नपत्र-4
सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
क्र.सं. | विषय |
खंड 1 | भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय। |
खंड 2 | समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय। |
खंड 3 | समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय। |
खंड 4 | मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी। |
खंड 5 | प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र। |
खंड 6 | भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन। |
खंड 7 | भारत में भूमि सुधार। |
खंड 8 | उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव। |
खंड 9 | बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि। |
खंड 10 | निवेश मॉडल। |
खंड 11 | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव। |
खंड 12 | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास। |
खंड 13 | सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता। |
खंड 14 | संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन। |
खंड 15 | आपदा और आपदा प्रबंधन। |
खंड 16 | विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध। |
खंड 17 | आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका। |
खंड 18 | संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना। |
खंड 19 | सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध। |
खंड 20 | विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश। |
प्रश्नपत्र-5
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-4नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि
क्र.सं. | विषय |
खंड 1 | नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका। |
खंड 2 | अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण। |
खंड 3 | अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण। |
खंड 4 | भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग। |
खंड 5 | भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान। |
खंड 6 | लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था। |
खंड 7 | शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ। |
खंड 8 | केस स्टडीज़ (उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन)। |
प्रश्नपत्र-6 - वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-1
प्रश्नपत्र-7 - वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-2
उम्मीदवार नीचे दिए गए विषयों की सूची में से ‘वैकल्पिक विषयों’ में से किसी एक का चयन कर सकते हैं:
वैकल्पिक विषय | साहित्यिक भाषा |
कृषि | आसामी |
पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान | अरबी |
नृविज्ञान | बंगाली |
वनस्पति विज्ञान | बोडो |
रसायन विज्ञान | डोगरी |
Civil Engineering | फ्रेंच |
वाणिज्य और लेखा (Commerce and Accountancy) | जर्मन |
अर्थशाश्त्र | गुजराती |
Electrical Engineering | हिंदी |
भूगोल | कन्नड़ |
भू विज्ञानं | कश्मीरी |
इतिहास | कोंकणी |
कानून | मैथिलि |
प्रबंधन (Management) | मलयालम |
गणित | मणिपुरी |
Mechanical Engineering | मराठी |
चिकित्सा विज्ञान | नेपाली |
दर्शन शाश्त्र | ओरिया |
भौतिकी | पर्शियन |
राजनीतिक विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध | पंजाबी |
मनोविज्ञान | रुस्सियन |
लोक प्रशासन | संस्कृत |
समाजशास्त्र | संथाली |
सांख्यिकी | सिन्धी |
जीव विज्ञान | तमिल |
– | तेलगु |
– | उर्दू |
– | इंग्लिश |
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